
कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर मणिपुर संकट को लेकर गंभीर आरोप लगाए। पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री मणिपुर की पीड़ा से लगातार दूरी बनाए हुए हैं, जबकि गृह मंत्री राज्य की बिगड़ती स्थिति को संभालने में बुरी तरह विफल साबित हुए हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि फरवरी 2022 में मणिपुर में भारी बहुमत से सरकार बनाने के बाद भाजपा की डबल इंजन सरकार 3 मई 2023 को भड़की जातीय हिंसा के साथ ही पटरी से उतर गई। रमेश ने कहा, सिर्फ तीन महीनों में सुप्रीम कोर्ट को यह कहना पड़ा कि मणिपुर में संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से विफल हो चुका है।
उन्होंने आगे बताया कि कांग्रेस द्वारा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के बाद केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री का इस्तीफा लेना पड़ा और आखिरकार 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़ा यह कदम राज्य के लोगों की मांग के 20 महीने बाद उठाया गया।
रमेश ने कहा, मणिपुर में अभी भी कोई सार्थक सुलह प्रक्रिया नहीं चल रही है। लगभग 60,000 लोग आज भी राहत शिविरों में बेहद तनावपूर्ण हालात में रह रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा, प्रधानमंत्री पूरी दुनिया की यात्रा कर चुके हैं, लेकिन आज तक मणिपुर नहीं गए। न उन्होंने किसी स्थानीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की, न कोई संवेदना व्यक्त की।
कांग्रेस नेता ने गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, प्रधानमंत्री ने मणिपुर का प्रबंधन अमित शाह को आउटसोर्स किया, जो इस जिम्मेदारी में पूरी तरह असफल रहे हैं।
मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 220 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार ने अब तक इस संकट को हल करने में कोई गंभीर कदम नहीं उठाया है।
मणिपुर संकट को लेकर कांग्रेस ने पीएम मोदी और अमित शाह पर साधा निशाना –
Congress targets PM modi and amit shah over manipur crisis