JPB NEWS 24

Headlines
जानें अपरा एकादशी 2025 व्रत की सही तिथि, पारण समय और पूजा विधि के बारे में - Know about the exact date of apara ekadashi 2025 fast, Parana time and puja method

जानें अपरा एकादशी 2025 व्रत की सही तिथि, पारण समय और पूजा विधि के बारे में – Know about the exact date of apara ekadashi 2025 fast, Parana time and puja method

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, और साल में 24 एकादशियाँ मनाई जाती हैं। इन्हीं में से एक है अपरा एकादशी, जो ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में आती है। इस एकादशी पर व्रत रखने और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से मान्यता है कि जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और हर कार्य में अपार सफलता मिलती है।

Disclaimer : यह खबर सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। JPB News 24 इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। अधिक जानकारी के लिए आप हमें संपर्क कर सकते हैं

इस वर्ष अपरा एकादशी 23 मई 2025 (शुक्रवार) को रखी जाएगी।

पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि प्रारंभ: 22 मई रात 1:12 बजे होगी और एकादशी तिथि समाप्त: 23 मई रात 10:29 बजे होगी चूंकि उदया तिथि का पालन एकादशी व्रत में किया जाता है, अतः व्रत 23 मई को ही रखा जाएगा। व्रत के अगले दिन यानी 24 मई 2025 (शनिवार) को पारण किया जाएगा।

पारण का शुभ मुहूर्त: सुबह 6:01 बजे से 8:39 बजे तक

अपरा एकादशी व्रत विधि : 

1. प्रातः काल स्नान के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
2. पीले वस्त्र धारण करें और पूजा स्थान को साफ करके चौकी पर पीले कपड़े बिछाएं।
3. भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

 

4. दीपक जलाएं और फूल, अक्षत, तुलसी, फल और मेवा अर्पित करें।
5. विष्णु भगवान की आरती करें और मंत्रों का जाप करें।
6. दिन भर उपवास रखें और प्रभु के नाम का स्मरण करें। शाम को पुनः पूजा करके भजन-कीर्तन करें।

भगवान विष्णु के शक्तिशाली मंत्र : 

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात्
ॐ विष्णवे नमः
कृष्णाय वासुदेवाय हराय परमात्मने प्रणतः क्लेशनशाये गोविंदाय नमो नमः
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे

 

जानें अपरा एकादशी 2025 व्रत की सही तिथि, पारण समय और पूजा विधि के बारे में –

Know about the exact date of apara ekadashi 2025 fast, Parana time and puja method