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बेंगलुरु भगदड़ पर राजनीति गरमाई, केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कर्नाटक को बताया एटीएम - Politics heats up over bengaluru stampede, Union minister targets congress, calls karnataka an ATM

बेंगलुरु भगदड़ पर राजनीति गरमाई, केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कर्नाटक को बताया एटीएम – Politics heats up over bengaluru stampede, Union minister targets congress, calls karnataka an ATM

बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ की घटना ने अब सियासी तूल पकड़ लिया है। इस घटना को लेकर केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर चुप्पी साधने का गंभीर आरोप लगाया है। मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा, मैं कांग्रेस आलाकमान से पूछना चाहती हूं कि वे खामोश क्यों हैं? राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल और अन्य नेता जो अक्सर कर्नाटक आते थे, अब कहां हैं? वे इसलिए चुप हैं क्योंकि कर्नाटक उनके लिए एटीएम बना हुआ है। उन्हें मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करनी चाहिए। इससे पहले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने भी इस मुद्दे पर कर्नाटक सरकार को घेरा था। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। जोशी ने बयान दिया, यह राज्य सरकार की लापरवाही का परिणाम है। इस घटना के लिए कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों को नैतिक आधार पर पद छोड़ देना चाहिए। इस बीच, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के पदाधिकारियों ने भगदड़ के मामले में दर्ज FIR को रद्द करने की मांग करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 9 जून तक अंतरिम राहत दी है और अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। याचिका में KSCA अध्यक्ष राम भट, सचिव ए. शंकर, कोषाध्यक्ष ई.एस. जयराम समेत अन्य पदाधिकारियों ने कहा है कि वे निर्दोष हैं और पूरी घटना उनके नियंत्रण से बाहर थी।   बेंगलुरु भगदड़ पर राजनीति गरमाई, केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कर्नाटक को बताया एटीएम – Politics heats up over bengaluru stampede, Union minister targets congress, calls karnataka an ATM

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राहुल गांधी ने फिर उठाया महाराष्ट्र चुनाव में धांधली का मुद्दा, चुनाव आयोग ने दिया जवाब - Rahul gandhi again raised the issue of rigging in maharashtra elections, Election commission responded

राहुल गांधी ने फिर उठाया महाराष्ट्र चुनाव में धांधली का मुद्दा, चुनाव आयोग ने दिया जवाब – Rahul gandhi again raised the issue of rigging in maharashtra elections, Election commission responded

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में धांधली और मैच फिक्सिंग का मुद्दा उठाया है। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए दावा किया कि लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ किया गया है। राहुल गांधी के इन आरोपों पर चुनाव आयोग ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र की मतदाता सूची और चुनावी प्रक्रिया को लेकर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं और यह कानून के शासन का अपमान है। राहुल गांधी ने इससे पहले भी सोशल मीडिया और विभिन्न मंचों पर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे। उन्होंने यह आरोप लगाया था कि अंतिम दो घंटे में असामान्य रूप से लाखों वोट डाले गए, जो तकनीकी रूप से संभव नहीं है। हालांकि, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची की तैयारी, मतदान प्रक्रिया और मतगणना सभी कानूनी प्रावधानों के तहत और पूर्ण पारदर्शिता से की गई थी।   राहुल गांधी ने फिर उठाया महाराष्ट्र चुनाव में धांधली का मुद्दा, चुनाव आयोग ने दिया जवाब – Rahul gandhi again raised the issue of rigging in maharashtra elections, Election commission responded

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भ्रष्टाचार मामले में ACB के सामने पेश हुए AAP नेता सत्येंद्र जैन, बीजेपी पर किया जोरदार हमला, जानें पूरा मामला - AAP leader satyendra jain appeared before ACB in corruption case, made a strong attack on BJP, know the whole matter

भ्रष्टाचार मामले में ACB के सामने पेश हुए AAP नेता सत्येंद्र जैन, बीजेपी पर किया जोरदार हमला, जानें पूरा मामला – AAP leader satyendra jain appeared before ACB in corruption case, made a strong attack on BJP, know the whole matter

दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन शुक्रवार, 6 जून 2025 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के कार्यालय में पेश हुए। उन्हें यह समन दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण में कथित भ्रष्टाचार के मामले में भेजा गया था। ACB के सामने पेश होने से पहले सत्येंद्र जैन ने मीडिया से बातचीत में भारतीय जनता पार्टी पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा AAP सरकार ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाए, लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार सिर्फ राजनीतिक नौटंकी कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जनता का ध्यान मुख्य मुद्दों से भटकाने के लिए इस प्रकार की कार्रवाई कर रही है। ACB द्वारा दर्ज एफआईआर के अनुसार, दिल्ली सरकार के स्कूलों में 12,000 से अधिक कक्षाओं के निर्माण में करीब 2,000 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता सामने आई है। इसके तहत सत्येंद्र जैन को 6 जून को ACB के सामने पेश होने का आदेश दिया गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 9 जून 2025 को तलब किया गया है। सत्येंद्र जैन ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा भाजपा वाले कहते थे कि सड़कों पर कुत्ते घूमते हैं, लेकिन हम सड़कें साफ करेंगे। अब उन्हें वही करना चाहिए, लेकिन वे सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी स्कूलों को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि मनीष सिसोदिया ने शिक्षा के क्षेत्र में जो क्रांति की थी, उसी को निशाना बनाकर यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई की जा रही है।   भ्रष्टाचार मामले में ACB के सामने पेश हुए AAP नेता सत्येंद्र जैन, बीजेपी पर किया जोरदार हमला, जानें पूरा मामला – AAP leader satyendra jain appeared before ACB in corruption case, made a strong attack on BJP, know the whole matter

भ्रष्टाचार मामले में ACB के सामने पेश हुए AAP नेता सत्येंद्र जैन, बीजेपी पर किया जोरदार हमला, जानें पूरा मामला – AAP leader satyendra jain appeared before ACB in corruption case, made a strong attack on BJP, know the whole matter Read More »

राहुल गांधी ने दी बुजुर्ग नेताओं को रिटायरमेंट की नसीहत, बोले- रेस के घोड़े और लंगड़े घोड़े में फर्क जरूरी - Rahul gandhi advised senior leaders to retire, said- it is important to differentiate between a race horse and a lame horse

राहुल गांधी ने दी बुजुर्ग नेताओं को रिटायरमेंट की नसीहत, बोले- रेस के घोड़े और लंगड़े घोड़े में फर्क जरूरी – Rahul gandhi advised senior leaders to retire, said- it is important to differentiate between a race horse and a lame horse

कांग्रेस संगठन सृजन अभियान की बैठक के लिए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कांग्रेस के पुनर्गठन की रणनीति के तहत संगठन को मजबूत करने के टिप्स दिए। हालांकि इस दौरान उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लेकर जो टिप्पणी की, वह अब राजनीतिक बहस का विषय बन गई है। बैठक में राहुल गांधी ने पार्टी के बुजुर्ग नेताओं को अप्रत्यक्ष रूप से लंगड़ा घोड़ा करार दिया और कहा कि अब ऐसे नेताओं को रिटायर कर दिया जाएगा, जो दौड़ नहीं सकते या नई टीम को आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं। उनके इस बयान का सीधा संकेत कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया और रामेश्वर नीखरा जैसे अनुभवी नेताओं की ओर माना जा रहा है, जो इंदिरा गांधी और राजीव गांधी युग से कांग्रेस की रीढ़ रहे हैं। राहुल गांधी के इस रुख से यह स्पष्ट हो रहा है कि वह अब पार्टी में नई पीढ़ी को नेतृत्व देना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हम मध्य प्रदेश में 55 नए नेता तैयार करेंगे जो भविष्य का नेतृत्व करेंगे। हालांकि कांग्रेस का इतिहास बताता है कि बुजुर्ग नेताओं को हमेशा सम्मान और जिम्मेदारी मिली है। चाहे जमुना देवी को आखिरी समय तक नेता प्रतिपक्ष बनाए रखना हो या अर्जुन सिंह को केंद्रीय मंत्री बनाना, पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं को सम्मानजनक भूमिका दी है। राहुल गांधी ने कहा, अब हमें रेस के घोड़े और बारात के घोड़े में फर्क करना होगा। कांग्रेस ने कई बार रेस के घोड़े को बारात में और बारात के घोड़े को रेस में डाल दिया। और फिर जब लात पड़ती है, तो वह वहीं बैठ जाता है। तीसरी श्रेणी है लंगड़ा घोड़ा, उसे रिटायर करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे नेता जो आगे बढ़ने वालों की टांग खींचते हैं, उन्हें पार्टी से हटाना होगा, ताकि नई टीम स्वतंत्रता से काम कर सके। राजनीतिक विश्लेषकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में राहुल गांधी की इस भाषा को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई कार्यकर्ताओं का मानना है कि बुजुर्ग नेता पार्टी की धरोहर होते हैं, उन्हें अपमानित करके संगठन सुधारने की रणनीति संवेदनशीलता की कसौटी पर खरी नहीं उतरती। राहुल गांधी के इस उम्र के फार्मूले को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा ने जब वरिष्ठ नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में भेजा था, तब भी यह प्रयोग ज्यादा सफल नहीं रहा। बाद में भाजपा को भी अपने फैसले पर पुनर्विचार करना पड़ा। राहुल गांधी को यह भी सोचना होगा कि अगर वरिष्ठ नेता कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रहे थे, तो उनके खिलाफ पहले कार्रवाई क्यों नहीं हुई? यह सवाल भी उठता है कि जब उन्होंने पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयानबाजी की, तब संगठन ने चुप्पी क्यों साधी?   राहुल गांधी ने दी बुजुर्ग नेताओं को रिटायरमेंट की नसीहत, बोले- रेस के घोड़े और लंगड़े घोड़े में फर्क जरूरी – Rahul gandhi advised senior leaders to retire, said- it is important to differentiate between a race horse and a lame horse

राहुल गांधी ने दी बुजुर्ग नेताओं को रिटायरमेंट की नसीहत, बोले- रेस के घोड़े और लंगड़े घोड़े में फर्क जरूरी – Rahul gandhi advised senior leaders to retire, said- it is important to differentiate between a race horse and a lame horse Read More »

मनसे-शिवसेना गठबंधन पर शर्त, आदित्य ठाकरे को मिलना होगा राज ठाकरे से, बोले प्रकाश महाजन - Condition on MNS-Shiv Sena alliance is that aditya thackeray will have to meet raj thackeray, said prakash mahajan

मनसे-शिवसेना गठबंधन पर शर्त, आदित्य ठाकरे को मिलना होगा राज ठाकरे से, बोले प्रकाश महाजन – Condition on MNS-Shiv Sena alliance is that aditya thackeray will have to meet raj thackeray, said prakash mahajan

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) और शिवसेना (यूबीटी) के बीच संभावित गठबंधन की चर्चाओं के बीच MNS के वरिष्ठ नेता प्रकाश महाजन ने एक अहम शर्त रख दी है। महाजन ने साफ किया है कि अगर शिवसेना (उद्धव गुट) गठबंधन को लेकर वाकई गंभीर है, तो आदित्य ठाकरे को खुद सामने आकर MNS प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात करनी चाहिए। प्रकाश महाजन ने कहा, अगर शिवसेना (यूबीटी) गठबंधन चाहती है, तो किसी वरिष्ठ नेता को राज साहब (राज ठाकरे) से बातचीत के लिए भेजना चाहिए। अगर किसी जूनियर नेता को भेजा गया, तो हम भी जवाब में जूनियर पदाधिकारी को भेजेंगे। उन्होंने आगे कहा कि गठबंधन की गंभीरता को दर्शाने के लिए आदित्य ठाकरे को स्वयं पहल करनी चाहिए। अगर वह राज ठाकरे से मिलते हैं, तो दोनों पक्ष इसे गंभीरता से लेंगे। पूर्व राज्य मंत्री और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर कोई भी दल महाराष्ट्र के हितों की रक्षा के लिए हमारे साथ आना चाहता है, तो हम उसे साथ लेकर चलने के लिए तैयार हैं। करीब 20 साल के राजनीतिक अलगाव के बाद यह पहली बार है जब दोनों ठाकरे भाइयों उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के फिर से एकजुट होने की संभावनाएं बनी हैं। प्रकाश महाजन का मानना है कि राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़े ठाकरे भाइयों का साथ आना गलत नहीं है। हमने 2014 और 2017 में भी ऐसा प्रयास किया था। उद्धव ठाकरे ने भी हाल में संकेत दिए कि वह छोटी-मोटी लड़ाइयों को छोड़कर आगे बढ़ने को तैयार हैं, बशर्ते महाराष्ट्र विरोधी ताकतों को समर्थन न दिया जाए। वहीं राज ठाकरे भी मराठी मानुष के हितों के लिए एकजुट होने को सहज मानते हैं। मनसे-शिवसेना गठबंधन पर शर्त, आदित्य ठाकरे को मिलना होगा राज ठाकरे से, बोले प्रकाश महाजन – Condition on MNS-Shiv Sena alliance is that aditya thackeray will have to meet raj thackeray, said prakash mahajan

मनसे-शिवसेना गठबंधन पर शर्त, आदित्य ठाकरे को मिलना होगा राज ठाकरे से, बोले प्रकाश महाजन – Condition on MNS-Shiv Sena alliance is that aditya thackeray will have to meet raj thackeray, said prakash mahajan Read More »

लुधियाना उपचुनाव: आंतरिक कलह से जूझ रही आप, कांग्रेस-SAD के लिए अग्निपरीक्षा, क्या भाजपा जीतेगी? - Ludhiana by-election: Littoral test for AAP, Congress-SAD as they grapple with internal strife, will BJP win?

लुधियाना उपचुनाव: आंतरिक कलह से जूझ रही आप, कांग्रेस-SAD के लिए अग्निपरीक्षा, क्या भाजपा जीतेगी? – Ludhiana by-election: Littoral test for AAP, Congress-SAD as they grapple with internal strife, will BJP win?

लुधियाना पश्चिमी विधानसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव पंजाब की सियासत में बेहद अहम मोड़ साबित हो सकता है। इस उपचुनाव के जरिए सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां वर्ष 2027 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव की जमीन तैयार करने में जुट गई हैं। दिलचस्प बात यह है कि फिलहाल सभी प्रमुख दलों की आंतरिक स्थिति अस्थिर और खेमेबाजी से ग्रस्त नजर आ रही है। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। पार्टी इस सीट को जीतकर राज्यसभा की एक सीट पर भी दावा ठोंकना चाहती है। हालांकि, पार्टी में आंतरिक बगावत ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दिल्ली के नेताओं को पंजाब में अहम पद देने से नाराज स्थानीय कार्यकर्ता अब खुलकर नेतृत्व के खिलाफ बोलने लगे हैं। हाल ही में महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष प्रीति मल्होत्रा को हटाकर मोगा की विधायक डॉ. अमनदीप कौर को नई जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन इससे बगावती सुरों में कोई खास कमी नहीं दिख रही है। कांग्रेस की हालत भी कुछ अलग नहीं है। पार्टी अंदरूनी गुटबाजी की शिकार हो चुकी है। लुधियाना पश्चिमी से पार्टी उम्मीदवार भारत भूषण आशु के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी और राणा गुरजीत सिंह ने आम आदमी पार्टी के नेता कमलजीत कड़वल को पार्टी में शामिल किया, जो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की मर्जी के खिलाफ था। जवाब में वड़िंग ने चन्नी के विरोधी माने जाने वाले निलंबित विधायक विक्रम सिंह चौधरी को कांग्रेस में वापस लाकर मुकाबला और गर्मा दिया। यह साफ है कि कांग्रेस के भीतर दो मजबूत खेमे बन चुके हैं, जिनकी आपसी खींचतान ने चुनावी तैयारी को प्रभावित किया है। शिरोमणि अकाली दल की राजनीतिक जमीन अब भी मजबूत नहीं दिख रही है। पिछली बार पार्टी ने उपचुनाव में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था, जिससे आलोचना झेलनी पड़ी। इस बार पार्टी ने परोपकार सिंह को लुधियाना पश्चिमी से उम्मीदवार बनाया है, लेकिन श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा चलाई जा रही भर्ती प्रक्रिया और सुखबीर बादल विरोधी गुट के प्रभाव ने अकाली दल को भी दोफाड़ में बांट दिया है। जमीन पर मिल रहे कमजोर जनसमर्थन से पार्टी के लिए यह लड़ाई कठिन लग रही है। भारतीय जनता पार्टी ही एकमात्र पार्टी है, जो इस उपचुनाव में आंतरिक विवादों से अछूती नजर आ रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान इस क्षेत्र में बीजेपी को अच्छा समर्थन मिला था, जिसे देखते हुए पार्टी ने अपने महासचिव जीवन गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने बाहरी चेहरों के बजाय स्थानीय कार्यकर्ताओं को ही प्राथमिकता देकर अपने कैडर को एकजुट रखा है। बीजेपी की रणनीति साफ है 2027 की बड़ी लड़ाई की तैयारी इसी सीट से शुरू करनी है। अब देखना यह होगा कि पार्टी का यह संगठनात्मक संदेश क्षेत्र के वोटर्स पर कितना असर डालता है।   लुधियाना उपचुनाव: आंतरिक कलह से जूझ रही आप, कांग्रेस-SAD के लिए अग्निपरीक्षा, क्या भाजपा जीतेगी? – Ludhiana by-election: Littoral test for AAP, Congress-SAD as they grapple with internal strife, will BJP win?

लुधियाना उपचुनाव: आंतरिक कलह से जूझ रही आप, कांग्रेस-SAD के लिए अग्निपरीक्षा, क्या भाजपा जीतेगी? – Ludhiana by-election: Littoral test for AAP, Congress-SAD as they grapple with internal strife, will BJP win? Read More »

राहुल गांधी के 'सरेंडर' वाले बयान पर राजनीति गरमाई, भाजपा बोली - Politics heats up over rahul gandhi 'surrender' statement, BJP says

राहुल गांधी के ‘सरेंडर’ वाले बयान पर राजनीति गरमाई, भाजपा बोली – Politics heats up over rahul gandhi ‘surrender’ statement, BJP says

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के सरेंडर वाले बयान पर सियासी घमासान तेज हो गया है। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए तीखा हमला बोला है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुधांशु त्रिवेदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी के बयान की आलोचना करते हुए कहा, राहुल गांधी जी, ये जान लीजिए कि आज़ाद भारत के इतिहास में सरेंडर का प्रतीक आपकी पार्टी और खानदान ही रहा है। भारत कभी किसी के सामने सरेंडर नहीं करता, हम वह सभ्यता हैं जो हजारों वर्षों के आक्रमणों के बावजूद भी जीवंत है। उन्होंने आगे कहा, हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भारत मां के शेर हैं, अर्थात मृगेंद्र हैं। जिस तरह राहुल गांधी ने हमारी सेना के शौर्य और ऑपरेशन सिंदूर की तुलना सरेंडर से की है, वह मानसिकता की गंभीर बीमारी और खतरनाक सोच को दर्शाता है। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने अपने भोपाल दौरे में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था, डोनाल्ड ट्रंप के एक फोन कॉल पर पीएम मोदी ने सरेंडर कर दिया। इतिहास गवाह है, बीजेपी हमेशा झुकती है। इसके साथ ही उन्होंने एक पोस्टर भी साझा किया था जिसमें ट्रंप और मोदी को एक साथ दिखाया गया था। राहुल गांधी के इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने एकजुट होकर कांग्रेस और गांधी परिवार पर तीखे प्रहार शुरू कर दिए हैं। पार्टी का कहना है कि कांग्रेस का देश की सेना और नेतृत्व को बदनाम करने का एजेंडा जनता अब समझ चुकी है।   राहुल गांधी के ‘सरेंडर’ वाले बयान पर राजनीति गरमाई, भाजपा बोली – Politics heats up over rahul gandhi ‘surrender’ statement, BJP says

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दिल्ली वॉर्ड कमिटी चुनाव में मिली बड़ी जीत पर बीजेपी का आप पर हमला, बोले- पार्टी से खुद ही दूर हो रहे हैं उसके नेता - BJP attacks AAP over its big win in delhi ward committee elections, says its leaders are distancing themselves from the party

दिल्ली वॉर्ड कमिटी चुनाव में मिली बड़ी जीत पर बीजेपी का आप पर हमला, बोले- पार्टी से खुद ही दूर हो रहे हैं उसके नेता – BJP attacks AAP over its big win in delhi ward committee elections, says its leaders are distancing themselves from the party

सोमवार को दिल्ली एमसीडी वॉर्ड कमिटी चुनाव में 12 में से 8 वॉर्ड कमिटियों पर जीत दर्ज कर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। इस जीत के बाद दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और साउथ दिल्ली से सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि अब यह साफ हो गया है कि आप के अंदर टूट-फूट शुरू हो गई है और पार्टी के अपने जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी भी उससे दूरी बना रहे हैं। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि वॉर्ड कमिटी चुनावों के नतीजों ने यह साबित कर दिया है कि आम आदमी पार्टी में अब बिखराव की स्थिति है। उन्होंने कहा, पार्टी के हालात ऐसे हो गए हैं कि सिर्फ जनता का समर्थन ही नहीं, बल्कि पार्टी के कार्यकर्ता, पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि भी पार्टी से छिटक रहे हैं। साउथ जोन वॉर्ड कमिटी, जो कभी आप के पास थी, अब बीजेपी की हो चुकी है। उन्होंने यह भी दावा किया कि मंगलवार को होने वाले स्टैंडिंग कमिटी के 11वें सदस्य के चुनाव में भी बीजेपी की ही जीत होगी। साउथ दिल्ली के सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि स्थायी समिति के बिना दिल्ली की ट्रिपल इंजन सरकार अधूरी थी, लेकिन अब जल्द ही एमसीडी स्थायी समिति का अध्यक्ष भी बीजेपी का होगा। इसके बाद 70 में से 68 विधानसभा क्षेत्रों में ग्राउंड लेवल पर विकास कार्यों में तेजी आएगी। उन्होंने साउथ जोन में मिली जीत को खास बताते हुए कहा कि यहां बीजेपी को बहुमत नहीं था, इसके बावजूद शानदार जीत मिली है। बिधूड़ी ने दावा किया कि कांग्रेस की पार्षद शीतल वेदपाल ने भी इस वॉर्ड में बीजेपी के पक्ष में वोट डाला।   दिल्ली वॉर्ड कमिटी चुनाव में मिली बड़ी जीत पर बीजेपी का आप पर हमला, बोले- पार्टी से खुद ही दूर हो रहे हैं उसके नेता – BJP attacks AAP over its big win in delhi ward committee elections, says its leaders are distancing themselves from the party

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वार्ड समिति चुनाव में भाजपा का बड़ा धमाका, स्थायी समिति में बहुमत की स्थिति मजबूत - BJP big bang in ward committee elections top, majority position strong in standing committee

वार्ड समिति चुनाव में भाजपा का बड़ा धमाका, स्थायी समिति में बहुमत की स्थिति मजबूत – BJP big bang in ward committee elections top, majority position strong in standing committee

दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव में उलटफेर करने के बाद, भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को वॉर्ड कमिटी चुनाव में भी जोरदार प्रदर्शन करते हुए आम आदमी पार्टी को पछाड़ दिया। कुल 12 वॉर्ड कमिटियों में से बीजेपी ने 8 पर जीत हासिल की, जबकि आम आदमी पार्टी को 4 वॉर्ड कमिटियों में संतोष करना पड़ा। इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी के दोनों प्रत्याशी चुनाव हार गए। इस जीत के साथ ही स्टैंडिंग कमिटी में बीजेपी के पास अब 10 सदस्यों का बहुमत है, जबकि AAP के पास 7 सदस्य हैं। मंगलवार को एमसीडी हाउस से चुने जाने वाले एक सदस्य के लिए चुनाव होगा, जिसमें बीजेपी के जीतने की संभावना प्रबल मानी जा रही है। कांग्रेस ने इस चुनाव से दूरी बनाई हुई है। रोहिणी जोन में वॉर्ड कमिटी चुनाव काफी दिलचस्प रहा। यहां AAP ने IVP के चेयरमैन पद के उम्मीदवार सुमन अनिल राणा को मात्र एक वोट से हराया। डिप्टी चेयरमैन पद पर बीजेपी के नरेंद्र कुमार सिंह ने आम आदमी पार्टी की ममता गुप्ता को हराकर जीत दर्ज की। इस जोन में कुल 21 पार्षदों ने मतदान किया, जिसमें AAP के 10, बीजेपी के 9 और IVP के 2 पार्षद शामिल थे। पहले AAP के कब्जे में रही साउथ जोन वॉर्ड कमिटी पर इस बार बीजेपी ने कब्जा जमा लिया। चेयरमैन पद पर बीजेपी के उमेद सिंह ने AAP के राजीव को दो वोटों से हराया, जबकि डिप्टी चेयरमैन पद पर बीजेपी के प्रत्याशी ने एक वोट से जीत दर्ज की। सिटी-सदर पहाड़गंज, करोल बाग, केशवपुरम और सेंट्रल जोन में चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन के पदों पर प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए। इनमें सेंट्रल जोन से योगिता सिंह चेयरमैन और मंजू देवी डिप्टी चेयरमैन बनीं। AAP की बहुमत वाले क्षेत्रों में अन्य दलों ने उम्मीदवार नहीं उतारे। स्टैंडिंग कमिटी में कुल 18 सदस्य होते हैं, जिनमें से 12 वॉर्ड कमिटियों से और 6 एमसीडी हाउस से चुने जाते हैं। विधायक बनने के कारण मुंडका से गजेंद्र दराल की सीट खाली हुई थी, जिसे भरने के लिए मंगलवार को चुनाव होगा। इसमें बीजेपी की संख्या बल अधिक होने के कारण जीत लगभग तय मानी जा रही है।   वार्ड समिति चुनाव में भाजपा का बड़ा धमाका, स्थायी समिति में बहुमत की स्थिति मजबूत – BJP big bang in ward committee elections top, majority position strong in standing committee

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तेजप्रताप यादव ने आरजेडी और परिवार से निष्कासन के बाद लालची लोगो को बताया जिम्मेदार - After being expelled from RJD and family, Tej pratap yadav blamed greedy people

तेजप्रताप यादव ने आरजेडी और परिवार से निष्कासन के बाद लालची लोगो को बताया जिम्मेदार – After being expelled from RJD and family, Tej pratap yadav blamed greedy people

बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने रविवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से निष्कासित किए जाने के बाद पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट साझा करते हुए उन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद यादव और मां राबड़ी देवी के प्रति भावुक संदेश लिखा और कुछ अज्ञात लालची लोगों पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। तेज प्रताप ने लिखा, मेरे प्यारे मम्मी और पापा, मेरी पूरी दुनिया सिर्फ आप दोनों में समाई हुई है। आप मेरे लिए भगवान से भी बड़े हैं और आप जो भी आदेश देते हैं, वह सर्वोच्च है। अगर आप हैं, तो मेरे पास सब कुछ है। मुझे बस आपका भरोसा और प्यार चाहिए, इससे ज्यादा कुछ नहीं। उन्होंने आगे कहा, पापा, अगर आप नहीं होते, तो न यह पार्टी होती और न ही जयचंद जैसे लालची लोग जो मेरे साथ राजनीति करते हैं। मम्मी और पापा, आप दोनों हमेशा स्वस्थ और खुश रहें। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पिछले सप्ताह अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। उन्होंने इसका कारण तेज प्रताप के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार और पार्टी तथा परिवार के सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों का उल्लंघन बताया। यह फैसला तेज प्रताप की एक विवादास्पद फेसबुक पोस्ट के बाद आया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर अनुष्का यादव नाम की महिला के साथ 12 वर्षों के संबंध होने का दावा किया था। हालांकि, बाद में उन्होंने सफाई दी कि उनका अकाउंट हैक हो गया था। इसके बावजूद सोशल मीडिया पर तेज प्रताप की कई तस्वीरें वायरल हो गईं, जिनमें कुछ में वह एक महिला के साथ शादी के संकेत देने वाले अंदाज़ में नजर आए। तेज प्रताप यादव फिलहाल अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक के मुकदमे में उलझे हुए हैं। ऐश्वर्या, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा राय की पोती हैं, जिन्होंने तेज प्रताप और उनके परिवार पर घरेलू हिंसा और उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। इस पूरे विवाद पर तेज प्रताप के छोटे भाई और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पिता लालू यादव के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा, राजनीति और निजी जीवन अलग-अलग होते हैं। पापा ने जो भी फैसला लिया, हम उनके साथ हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा, तेज प्रताप की निजी पसंद उनकी जिम्मेदारी है। उन्हें अपने फैसलों के परिणाम का आभास है। यह राजनीतिक और पारिवारिक विवाद ऐसे समय सामने आया है जब कुछ ही महीनों में बिहार विधानसभा चुनाव संभावित हैं। राजद की कमान अब तेजस्वी यादव के नेतृत्व में दिख रही है, और पार्टी एकजुटता के साथ चुनाव की तैयारी में जुटी है।   तेजप्रताप यादव ने आरजेडी और परिवार से निष्कासन के बाद लालची लोगो को बताया जिम्मेदार – After being expelled from RJD and family, Tej pratap yadav blamed greedy people

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