
कांग्रेस पार्टी ने रविवार को केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाने और संसद का विशेष सत्र आयोजित करने की मांग की। यह मांग हाल ही में पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर, और भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम सहमति को लेकर उठाई गई है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान जारी करते हुए केंद्र सरकार से कई अहम सवाल पूछे। उन्होंने यह जानना चाहा कि क्या भारत ने पाकिस्तान के साथ तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए दरवाजे खोल दिए हैं और क्या दोनों देशों के बीच राजनयिक चैनल पुनः सक्रिय किए गए हैं।
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन की सीमा पार गोलीबारी और ड्रोन-मिसाइल हमलों के बाद, भूमि, वायु और समुद्र पर सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने पर सहमति बनी है।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए जयराम रमेश ने लिखा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक और संसद के विशेष सत्र की मांग करती है, ताकि पहलगाम घटना, ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम पर चर्चा की जा सके।
उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के उस बयान पर भी सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान ने तटस्थ स्थल पर व्यापक मुद्दों पर बातचीत शुरू करने पर सहमति जताई है।
रमेश ने पूछा, क्या हमने शिमला समझौते को त्याग दिया है? क्या अब हम तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार करने के लिए तैयार हैं?
उन्होंने यह भी जानना चाहा कि भारत ने पाकिस्तान से क्या प्रतिबद्धताएं मांगी हैं और उन्हें क्या मिला है। इस बीच, भारत सरकार ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के माध्यम से एक बयान जारी कर कहा कि किसी अन्य मुद्दे पर, किसी अन्य स्थान पर बातचीत करने का कोई निर्णय नहीं हुआ है।
जयराम रमेश ने पूर्व सेना प्रमुखों जनरल वी. पी. मलिक और जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की कथित टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि ये वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से स्पष्ट जवाब चाहते हैं।
इसके साथ ही, रमेश ने 1981 में भारत द्वारा लिए गए आईएमएफ ऋण का उल्लेख करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व को याद किया। उन्होंने बताया कि कैसे इंदिरा गांधी ने अमेरिका की आपत्ति के बावजूद IMF से $5.8 बिलियन का ऋण स्वीकृत करवाया और बाद में $1.3 बिलियन की राशि को छुए बिना कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा किया।
कांग्रेस ने इस घटनाक्रम को भारत की कूटनीतिक नीति, सामरिक दृष्टिकोण और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव डालने वाला बताया है और सरकार से पारदर्शिता तथा जवाबदेही की मांग की है।
भारत-पाकिस्तान तनाव पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की –
Congress demanded an all-party meeting under the chairmanship of the prime minister on india-pakistan tension