
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा के उस आरोप का कड़ा खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार ने कन्नड़ के मुकाबले उर्दू भाषा को प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री ने इन दावों को दुर्भावनापूर्ण झूठ करार देते हुए कहा कि ये केवल एक सांप्रदायिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए फैलाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर सिलसिलेवार पोस्ट कर भाजपा कर्नाटक को फटकार लगाई और कहा, बीजेपी4कर्नाटक एक दुर्भावनापूर्ण झूठ फैला रही है कि हमारी सरकार ने कन्नड़ की उपेक्षा करते हुए उर्दू को अधिक धन दिया। यह न केवल झूठ है बल्कि सांप्रदायिक नफरत फैलाने का एक संगठित प्रयास भी है।
सिद्धारमैया ने दावा किया कि वर्ष 2020-26 के दौरान कर्नाटक सरकार ने 34,438 करोड़ रुपये प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए, 4,150 करोड़ रुपये समाज कल्याण और अन्य विभागों के लिए, 999.3 करोड़ रुपये सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे के लिए आवंटित किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पूरी राशि कन्नड़ माध्यम शिक्षा के लिए थी, न कि उर्दू के लिए।
सीएम ने भाजपा पर भाषा और धर्म को जोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे भाषाओं का अपमान होता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार तुलु, कोडवा, कोंकणी, अरेभाषा, ब्यारी जैसी भाषाओं को सम्मान देने के लिए 80 लाख रुपये वार्षिक अनुदान के साथ अकादमियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देती है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कन्नड़ और संस्कृति विभाग 14 अकादमियों, 3 प्राधिकरणों, और 24 साहित्यिक ट्रस्टों के जरिए कन्नड़ भाषा और संस्कृति को मजबूत कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह पीआईबी की फैक्ट-चेक यूनिट को निर्देश दें कि वह भाजपा कर्नाटक द्वारा फैलाए जा रहे इस तरह के फर्जी समाचार का भंडाफोड़ करे। साथ ही उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी भाजपा के सोशल मीडिया हैंडल पर कानूनी कार्रवाई की मांग की।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने भाजपा के ‘उर्दू को कन्नड़ से ऊपर प्राथमिकता’ देने के आरोप को बताया दुर्भावनापूर्ण झूठ –
Karnataka CM calls BJP allegations of ‘prioritising urdu over kannada’ a malicious lie