
टीम इंडिया ने टेस्ट क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत की है। विराट कोहली, रोहित शर्मा और आर. अश्विन जैसे दिग्गजों के संन्यास के बाद भारतीय टेस्ट टीम की कमान युवा बल्लेबाज शुभमन गिल को सौंपी गई है, जबकि ऋषभ पंत को उपकप्तान नियुक्त किया गया है। बीसीसीआई की चयन समिति, जिसकी अगुवाई अजीत अगरकर कर रहे हैं, ने यह स्पष्ट किया कि अब उनका फोकस अगली पीढ़ी की प्रतिभाओं को निखारने पर है।
हालांकि केएल राहुल जैसे अनुभवी खिलाड़ी टीम का हिस्सा बने हुए हैं, लेकिन उनके अनुसार चयनकर्ताओं की सोच में निरंतरता की कमी है। स्काई क्रिकेट पर नासिर हुसैन से बातचीत में राहुल ने चयन प्रक्रिया को लेकर अपनी निराशा जाहिर की।
केएल राहुल ने कहा, मुझे खुद को बार-बार साबित करने में कोई परेशानी नहीं है। यह हर एथलीट के जीवन का हिस्सा है। चाहे भारत हो या इंग्लैंड, सभी को हर टूर्नामेंट में खुद को साबित करना पड़ता है। लेकिन मुश्किल तब होती है जब निर्णय लेने वाले लोग यह भूल जाते हैं कि खिलाड़ी ने हाल के मैचों में क्या किया है।
राहुल ने आगे कहा कि यह चीजें खिलाड़ियों के लिए मानसिक रूप से थका देने वाली हो सकती हैं। अभी आईपीएल खत्म हुआ है और मुझे नहीं पता कि अगला वनडे कब होगा। इतने बड़े गैप में अचानक अगली पीढ़ी को तैयार करने की बात शुरू हो जाती है, उन्होंने कहा।
राहुल ने यह भी कहा, जब कोई चीज़ आपके लिए काम कर रही होती है, तो उसमें बदलाव क्यों करना चाहिए? क्यों हर बार नया नाम लाने की बात की जाती है? यह सोच खिलाड़ी के मन में असमंजस पैदा कर सकती है।
राहुल ने स्पष्ट किया कि यह समस्या सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि हर खिलाड़ी के लिए है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को स्थापित करने की कोशिश करता है।
शुभमन गिल को टेस्ट टीम की कमान सौंपना भविष्य की तैयारी के संकेत हैं, लेकिन राहुल जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। टेस्ट क्रिकेट की निरंतरता और संतुलन बनाए रखने के लिए अनुभव और युवा जोश दोनों की जरूरत होती है।
टीम इंडिया में बदलाव पर भड़के केएल राहुल, चयन प्रक्रिया में निरंतरता नहीं –
KL rahul angry on changes in team india, There is no continuity in the selection process