
श्रावण मास का महत्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक है, विशेषकर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए यह माह बेहद शुभ माना जाता है। सावन के प्रत्येक सोमवार को जहां भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है, वहीं मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। यह व्रत सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए करती हैं, जबकि कुंआरी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति की कामना से इसे करती हैं।
मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत करने से मां पार्वती शीघ्र प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। आइए जानते हैं सावन 2025 में मंगला गौरी व्रत की तिथियां और पूजन विधि।
मंगला गौरी व्रत 2025 की तिथियां :
पहला व्रत: 15 जुलाई 2025
दूसरा व्रत: 22 जुलाई 2025
तीसरा व्रत: 29 जुलाई 2025
चौथा व्रत: 5 अगस्त 2025
मंगला गौरी व्रत विधि :
1. प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजन का संकल्प लें।
2. पूजा स्थल पर लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और माता पार्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
3. आटे का दीपक बनाएं, उसमें गाय का घी भरें और उसे जलाएं।
4. माता पार्वती का षोडशोपचार पूजन करें यानि 16 पूजन सामग्री से देवी को अर्पित करें।
5. पूजा में लौंग, सुपारी, इलायची, फल, पान, लड्डू, सुहाग सामग्री, 16 चूड़ियां व 16 मालाएं अर्पित करें।
6. माता को मिठाई का भोग लगाएं।
7. पूजा के समय “ॐ गौरी शंकराय नमः” मंत्र का जाप करें।
धार्मिक महत्व:
इस व्रत से वैवाहिक जीवन में प्रेम, समर्पण और स्थायित्व आता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने वाली स्त्रियों को सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कुंवारी कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है।
जानें सावन 2025 में किस दिन रखा जाएगा मंगला गौरी व्रत और क्या है व्रत की विधि और इसका धार्मिक महत्व –
Know on which day mangla gauri fast will be observed in sawan 2025 and what is the method of fasting and its religious significance