
आज मोक्षदायिनी निर्जला एकादशी का पावन व्रत है, जिसे साल की सबसे कठिन और पुण्यदायी एकादशी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से श्री हरि विष्णु की पूजा करने और उपवास रखने से समस्त पापों का नाश होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह व्रत सालभर की 24 एकादशियों के बराबर फल देता है, इसलिए इसे एकादशियों का सम्राट भी कहा जाता है।
यदि कोई श्रद्धालु पूरे वर्ष की सभी एकादशियों का व्रत नहीं कर सकता है, तो निर्जला एकादशी का व्रत करके उसे संपूर्ण पुण्यफल प्राप्त हो सकता है। इस दिन कुछ विशेष पवित्र पेड़ों को जल अर्पित करना आवश्यक माना गया है, जिससे व्रत पूर्ण और फलदायी होता है।
निर्जला एकादशी के दिन किन पवित्र पेड़ों को अर्पित करें जल?
1. पीपल का पेड़
ज्येष्ठ मास की निर्जला एकादशी के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व होता है। सुबह-सुबह पीपल की जड़ में जल अर्पित करें, दीपक जलाएं और परिक्रमा करें। धार्मिक मान्यता है कि पीपल वृक्ष में त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है और इस दिन माता लक्ष्मी का आगमन भी इसी वृक्ष पर होता है। इससे पितरों की आत्मा भी तृप्त होती है।
2. आंवले का पेड़
आंवले के पेड़ को भी इस दिन पूजनीय माना गया है। इसकी जड़ में कच्चा दूध, अक्षत, रोली और जल अर्पित करें। मान्यता है कि इस पेड़ की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और परिवार में समृद्धि आती है।
3. तुलसी का पौधा
निर्जला एकादशी पर तुलसी माता की पूजा विशेष रूप से शुभ मानी जाती है। इस दिन तुलसी के सामने दीपक जलाएं और 11 बार परिक्रमा करें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में स्थायी सुख-शांति और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
निर्जला एकादशी 2025 के दिन इन पवित्र वृक्षों पर चढ़ाएं जल, नहीं तो अधूरी मानी जाएगी पूजा –
Offer water to these holy trees on the day of nirjala ekadashi 2025, otherwise the puja will be considered incomplete