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पर्यावरण मंजूरी पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध पर कांग्रेस ने कहा, 'सरकार पर निंदनीय आरोप' - On supreme court ban on environmental clearance, congress said, 'Damning indictment of government'

पर्यावरण मंजूरी पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध पर कांग्रेस ने कहा, ‘सरकार पर निंदनीय आरोप’ – On supreme court ban on environmental clearance, congress said, ‘Damning indictment of government’

सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही पूर्वव्यापी पर्यावरणीय मंजूरी को अवैध ठहराते हुए उसे रद्द कर दिया है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन करने वाली परियोजनाओं को राहत देने वाले केंद्र सरकार के 2021 के कार्यालय ज्ञापन को असंवैधानिक बताया।

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इस फैसले की कांग्रेस पार्टी ने सराहना की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने इस फैसले को मोदी सरकार के पर्यावरणीय रवैये पर निंदनीय निंदा बताया और कहा कि यह निर्णय सरकार की कथनी और करनी में फर्क को उजागर करता है।

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रदूषण-मुक्त वातावरण में रहने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत एक मौलिक अधिकार है। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि केंद्र सरकार को नागरिकों की तरह ही पर्यावरण की रक्षा करने का संवैधानिक दायित्व है।

कोर्ट ने 2017 की अधिसूचना और 2021 के कार्यालय ज्ञापन को मनमाना, अवैध और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 तथा ईआईए अधिसूचना, 2006 के विरुद्ध घोषित किया। इसके साथ ही अदालत ने केंद्र को भविष्य में किसी भी तरह की पूर्वव्यापी मंजूरी देने से रोक लगा दी।

जयराम रमेश ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, यह फैसला सतत विकास के सिद्धांतों और पर्यावरण संरक्षण की भावना की पुष्टि करता है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के उन प्रयासों को खारिज किया है जो जानबूझकर पर्यावरणीय मंजूरी न लेने वालों को बचाने के लिए किए गए थे।

उन्होंने यह भी जोड़ा, मोदी सरकार का घरेलू पर्यावरणीय व्यवहार उसकी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर की गई बातों से बिल्कुल अलग है। यह फैसला उसकी दोहरी नीतियों की पोल खोलता है।

शीर्ष अदालत ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार ने ऐसा कुछ करने की कोशिश की जो कानून के तहत पूरी तरह प्रतिबंधित है। अदालत ने यह भी कहा कि सरकार ने शब्दों का चतुराई से उपयोग करते हुए पूर्वव्यापी मंजूरी जैसे शब्दों से परहेज किया, लेकिन उसकी नीतियों का उद्देश्य स्पष्ट रूप से वही था।

इस फैसले से पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में न्यायपालिका का रुख स्पष्ट होता है। यह निर्णय न केवल पर्यावरणीय मानकों की रक्षा करता है, बल्कि भविष्य में किसी भी अवैध परियोजना को संरक्षण देने की प्रवृत्ति पर भी अंकुश लगाएगा।

 

पर्यावरण मंजूरी पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध पर कांग्रेस ने कहा, ‘सरकार पर निंदनीय आरोप’ –

On supreme court ban on environmental clearance, congress said, ‘Damning indictment of government’