
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केरल, गुजरात और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के तटों पर अपतटीय खनन की अनुमति देने वाली निविदाओं को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह फैसला समुद्री जीवन और मछुआरों की आजीविका के लिए घातक साबित होगा। गांधी ने केंद्र सरकार के इस कदम को चिंताजनक करार देते हुए कठोर पर्यावरणीय मूल्यांकन के बिना अपतटीय ब्लॉकों को निजी खिलाड़ियों के लिए खोलने का विरोध किया है।
गांधी ने पत्र में लिखा, तटीय समुदाय बिना पर्यावरणीय आकलन के अपतटीय खनन के लिए जारी निविदाओं का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लाखों मछुआरों ने इस निर्णय पर गंभीर चिंता जताई है, क्योंकि इससे उनकी आजीविका को भारी नुकसान हो सकता है। गांधी ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री को आगाह करते हुए कहा, इस फैसले से समुद्री जीवन को अपूरणीय क्षति पहुंचेगी।
राहुल गांधी ने अपने व्हाट्सएप चैनल पर कहा, मैंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर केरल, गुजरात और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में स्थानीय हितधारकों से परामर्श किए बिना अपतटीय खनन की अनुमति देने की निंदा की है। उन्होंने सरकार से तुरंत इस निर्णय को वापस लेने की मांग की।
गांधी ने कहा कि अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 पर पहले भी कड़ी आपत्ति जताई गई थी। उन्होंने कहा कि बिना कठोर पर्यावरणीय आकलन के खनन के लिए ब्लॉकों को निजी कंपनियों के लिए खोलना समुद्री जैव विविधता को खतरे में डाल सकता है।
गांधी ने दावा किया कि केरल विश्वविद्यालय के जलीय जीव विज्ञान और मत्स्य पालन विभाग द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि अपतटीय खनन से मछली उत्पादन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है, विशेष रूप से कोल्लम क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि केरल में करीब 11 लाख लोग मछली पकड़ने पर निर्भर हैं, यह उनका पारंपरिक व्यवसाय है, जो उनकी जीवन शैली से गहराई से जुड़ा हुआ है।
राहुल गांधी ने कहा कि ग्रेट निकोबार द्वीप समूह विश्व स्तर पर अपनी विविध पारिस्थितिकी के लिए प्रसिद्ध है, जो कई वन्यजीव प्रजातियों का घर है। उन्होंने चेतावनी दी कि अपतटीय खनन से होने वाला नुकसान संभावित रूप से अपूरणीय हो सकता है।
राहुल गांधी ने सरकार से अपील करते हुए कहा, मैं सरकार से अपतटीय खनन ब्लॉकों के लिए जारी निविदाओं को तुरंत रद्द करने की मांग करता हूं। इसके अलावा, उन्होंने कठोर वैज्ञानिक अध्ययन कराए जाने की मांग की ताकि पर्यावरण और सामाजिक-आर्थिक प्रभाव का उचित आकलन हो सके।
गांधी ने जोर देकर कहा कि कोई भी बड़ा निर्णय लेने से पहले स्थानीय हितधारकों, विशेष रूप से मछुआरों से परामर्श करना आवश्यक है। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा, मछुआरों का जीवन हमारे महासागरों के भाग्य से जुड़ा है। हमें उनके लिए एक स्थायी भविष्य बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपतटीय खनन के लिए निविदाएं रद्द करने की अपील की –
Rahul gandhi wrote a letter to the prime minister and appealed to cancel the tender for offshore mining