
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जाति जनगणना को समर्थन देने और इसे वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के लिए आवश्यक कदम बताने के एक दिन बाद कांग्रेस ने पलटवार किया है। पार्टी ने सोमवार को पीएम मोदी के पिछले दो वर्षों के भाषणों की वीडियो क्लिप साझा करते हुए उनकी कथनी और करनी में विरोधाभास का आरोप लगाया।
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर दो वीडियो साझा किए। पहली क्लिप 2 अक्टूबर 2023 की है, जब बिहार में जाति सर्वेक्षण के परिणाम जारी हुए थे। इसमें पीएम मोदी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, वे (विपक्ष) जाति के आधार पर समाज को विभाजित करते थे और आज भी वह पाप कर रहे हैं। दूसरी क्लिप 28 अप्रैल 2024 की है, जिसमें मोदी जाति जनगणना की मांग को शहरी नक्सली मानसिकता का हिस्सा बताते हैं।
जयराम रमेश ने ट्वीट में कहा, 30 अप्रैल 2025 को, पहलगाम आतंकी हमलों और ऑपरेशन सिंदूर के बीच मोदी सरकार ने अप्रत्याशित रूप से जाति जनगणना की घोषणा कर दी। कल प्रधानमंत्री ने एनडीए के मुख्यमंत्रियों की बैठक में इसका पूरा श्रेय ले लिया।
रविवार को पीएम मोदी ने एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक में कहा था कि जाति जनगणना उन वर्गों को मुख्यधारा में लाने का एक कदम है जो विकास से अब तक वंचित रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार जातिगत राजनीति में नहीं, बल्कि वंचित वर्गों के सशक्तिकरण में विश्वास रखती है।
बैठक के दौरान दो प्रस्ताव पारित हुए पहला, ऑपरेशन सिंदूर के तहत सशस्त्र बलों की वीरता और पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना करता है, दूसरा जाति जनगणना के फैसले को समर्थन देता है।
भाजपा की ओर से हालांकि इस पर कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को कहा था कि जाति जनगणना एनडीए की सोच का हिस्सा रही है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने सबसे पहले जाति सर्वेक्षण कराया था।
एनडीए के प्रस्ताव में यह स्पष्ट किया गया कि गठबंधन जाति की राजनीति में विश्वास नहीं करता, लेकिन दलितों, पिछड़ों, शोषितों और वंचितों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए जातिगत आंकड़े जरूरी हैं।
केंद्र सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि आगामी जनगणना में आज़ादी के बाद पहली बार जातिगत विवरण शामिल किया जाएगा जो सामाजिक और आर्थिक योजनाओं की रूपरेखा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा।
विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, आरजेडी और सपा जैसी पार्टियों ने जाति जनगणना को बड़ा चुनावी मुद्दा बना रखा है। बिहार, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्यों ने पहले ही इस तरह के सर्वेक्षण कराए हैं।
जाति जनगणना की तारीफ के अगले दिन कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना –
The day after praising the caste census, Congress targeted PM modi